इस भागमभाग की दुनिया में
ना जाने शांति कहाँ खो गयी है,
लोग तो दीखते हैं चलते हुए सड़क में
ना जाने उनकी आँखों की ख़ुशी कहाँ गुम हो गयी है।
मिलते हैं एक दूसरे से गले
होटों पर लेकर हँसी,
लकिन उस काले दिल क अंदर
ना जाने क्यों नफरत दवा रखी है।
प्रतियोगिता का ज़माना है
कठपुतलियों की तरह नाच रहे हैं सब,
पहला इनाम किसे मिलेगा
यही सोच के परशान हो रहें हैं सब।
जिसे मिलता है पहला इनाम
वहा व्हाई उसे ही मिलती है,
चहरे पर मुअकुरत लेकर मिलते हैं लोग उस से
और सबसे पहले मौत बी उसी की होती है।
जो आगे बढ़ रहा है
उसे क्यों करते हैं लोग पीछे,
खुद मेहनत क्यों नहीं करते
उसे क्यों धकेलते हैं वो नीचे।
इस भीड़ भरी दुनिया में
हर इंसान रो रहा है,
अपने दुःख से दुखी नहीं है इंसान
दूसरे की ख़ुशी देख मन ही मन सिकुड़ रहा है।
मतलबी है हर कोई
मतलब के लिए ही बात करता है,
जब मतलब पूरा हो जाये
तो धन्यवाद कहने के लिए बी पीछे नहीं मुड़ता है।
इस भागमभाग की दुनिया में
ना जाने शांति कहाँ खो गयी है,
लोग तो दीखते हैं चलते हुए सड़क में
ना जाने उनकी आँखों की ख़ुशी कहाँ गुम हो गयी है।
— महिमा रस्तौगी 😇
One of the better pieces in Hindi 👍🏻
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Thank uh 😊
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Aadmi badh gaye, dil me jagah kam ho gai
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Truly said
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Aap aur mere jaise log WordPress through right friend se milate he
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